Survivors’ Voices – Hindi

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सर्वाइवर की आवाज़

डिसक्लेमर: इस गाइड का मकसद पेशेवर सहायता, सलाह, या इलाज करना नहीं है. यह गाइड किसी भी रूप में उस प्रक्रिया की जगह नहीं ले सकती.

ट्रिगर की चेतावनी: ट्रिगर शब्द का मतलब है ऐसी कोई बात या घटना, जो किसी चीज़ का नकारात्मक कारण बन सकती है. इस टूलकिट में कुछ शब्द ऐसे हैं जो यौन हिंसा पीड़ितों के लिए दुखद हो सकते हैं यानी उनके लिए ट्रिगर का काम कर सकते हैं. इसका मतलब है उन शब्दों या वाक्यों को पढ़ने से पीड़ित या तो असहज महसूस कर सकते हैं या फिर चिंतित हो सकते हैं. ये ट्रिगर उन्हें खराब लगने वाली स्मृतियों में वापस ले जा सकते हैं. इस टूलकिट को पढ़ते समय अगर किसी को यह अनुभव होता है, तो एक ग्राउंडिंग एक्सरसाइज़ के ज़रिए वो तुरंत बेहतर महसूस कर सकते हैं.

अपनी आँखें बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें. अपने आप को बताएं कि आप सुरक्षित हैं और आप ठीक हैं. अपनी सांस का इस्तेमाल, मौजूदा समय के बारे में सोचने और इस समय में खुद पर ध्यान केंद्रित करने के लिए करें. ऐसा आप जितनी बार करना चाहें कर सकते हैं, या नियमित अंतराल पर करें. यह ज़रूरी नहीं आप इस टूलकि ट या गाइड को खुद पढ़ें. आप ऐसे कि सी व्यक्ति के साथ बैठकर इसमें लिखी जानकारी को समझ सकते हैं जो आपके करीब हो और आपके लिए विश्वसनीय हो.

आपके लिए उपलब्ध साधनों को समझने के लिए और आपके अनुभव में उन साधनों का इस्तेमाल करने (या नहीं करने) को बेहतर समझने के लिए सेफ्टी  ने एक गुप्त सर्वे भेजा था अपने सोशल मीडिया और नेटवर्क के जरिए. अब जो आप नीचे पड़ेंगे, वो उस सर्वे से मिले कुछ जवाब है:

“(हमें एक) सामान्य तौर पर संवाद चाहिए जिसमें सार्वजनिक जगहों पर सहमति और शक्ति संतुलन के बारे में बात हो सके."

“सच कहूं तो, हमें विश्वास के लायक, निष्पक्ष, प्रभावी कानूनी और पुलिस प्रणाली की जरूरत है "

“मुझे लगता है: (हमें) एक ऐसे लोगों का समूह चाहिए जो आपको जानता ही ना हो, और आपके जैसी कहानियां हों ताकि मिल के बात की जा सके,  साँझा की जा सकें और बस सुन सकें."

“मुझे लगता है मैं ज्यादा शक्तिशाली महसूस करूँ अगर मेरे आस पास लोग संवेदनशील होते"

“मुझे अच्छा लगेगा अगर मेरे आस पास वाले लोग अपराधियों के खिलाफ कदम उठाये और उन्हें अपने जीवन में बर्दाश्त ना करें." 

“(हमें) हमारे अधिकारों की जानकारी देने के लिए एक टूलकिट चाहिए."

“हादसे का सारा का सारा दारोमदार प्रताड़ित पर डालना बहुत आम है, किसी को चिंता नहीं होती कि मुझे शर्मिंदा किया जाता है और सारा दोष मुझे दिया जाता है."

“मैंने सहयोग पाने की बहुत कोशिश की. लेकिन बाद में मुझे खुद ही जूझना पड़ा. सहयोगी शायद कुछ संसाधन जैसे कि आश्रय और देखभाल मुहैया करा सकते हैं."

“हाँ,  मैंने अपने भाई और दोस्तों से मदद पाने की कोशिश की और उन्होंने मेरी शुरुआती दौर में मुझे मदद की भी. हमने हादसे के बारे में काफी विस्तार से बात की और मेरा काफी बोझ हल्का हुआ."

“हाँ, जो हादसे से गुज़र चुके हैं उन्हें मत समझाये की आघात से कैसे समझौता करना है.  उनसे ऐसे सवाल न पूछे जिनका मतलब उनपर ही दोष मढ़ना हो (तुम क्या कर रहे थे? तुम पी रहे थे? तुमने क्या पहना था?). सुनना बहुत जरूरी है.  उनके आघात की किसी से तुलना ना करें. 

उन्हें ऐसा महसूस ना करायें की आपकी सलाह न मानने से आप बुरा मानेंगे या आप उनसे निराश होंगे."

“हाँ. मैंने अपने परिवार से बात की, लेकिन उसके बाद उसे दबा दिया गया और मज़ाक बना के रख दिया. मुझे मदद नहीं मिली, लेकिन अपने दोस्तों और परिवार जन को देखते हुए मुझे लगता है कि अगर आप सुविधाजनक समझते हैं तो ज़रूर बात करें,  मदद मिल सकती है."

“एक अपमान जनक रिश्ते से बाहर निकलना बहुत ही मुश्किल था. और वो इसलिए नहीं था क्यूंकि मैं अपने ब्वॉयफ़्रेंड से बहुत प्यार करती थी, वो इसलिए था क्योंकि मुझे यकीन हो चला था कि ये ही मेरी पूरी जिंदगी है और शायद मैं इसी के लायक हूं. मेरे स्वयं पर आघात लगा और इस तरह का बर्ताव आघात पहुंचाने वालों के लिए आम बात है. मुझ पर क्या बीत रही है, मैं किसी से बता नहीं पा रही थी. जब मैं आखिरकार हिम्मत जुटा पायी और उस रिश्ते से बाहर निकली और फिर से जिंदगी की, मेरी खुद की, मेरे स्वयं की शुरुआत की."

“जो दोस्त पीछे छूट गए थे, वो फिर से मेरे साथ जुड़ गए और ये एक बहुत बड़ी वजह है कि मैं अभी भी यहां हूं. सब कुछ दोबारा से बनाना एक बहुत बड़ी चुनौती थी.  मेरे लिए ये समझना बहुत जरूरी था कि मैं क्या चीजें बार बार करती हूँ मेरी पहचान और मेरे स्वयं को मुझे दोबारा बनाना पड़ा. ये मुश्किल तो बहुत था लेकिन इसकी कीमत बहुमूल्य है.”

“हालांकि की अभी मैं ठीक हुँ, लेकिन अभी भी कई चीजें हैं जो मुझे ट्रिगर करती हैं. जैसे लोगों का चिल्लाना, मुझपर या मेरे आस पास."

“हालांकि मैंने अपना पुनर्निर्माण किया है और मैं अब वहां हूँ जहाँ मैं पहुंचना चाहती थी- स्वस्थ, आत्म विश्वास से भरपूर और बहुत खुश, लेकिन कई बार ट्रिगर मुझे मेरे अतीत में ले जाते हैं. ट्रिगर की चेतावनी मेरे जैसे लोगों के लिए बहुत ही आवश्यक है क्योंकि मुझे अपने आप को तैयार करना पड़ता है कि पता नहीं क्या सुन देख लूँ. ये चेतावनियां मुझे शक्तिहीन और डर महसूस करने से बचाती नहीं हैं बल्कि उनसे जूझने ले लिए तैयार करती हैं ताकि मैं अपने आप को याद करा सकूं की मैं सुरक्षित हूँ और वो मुझे चोट नहीं पहुंचा सकता. 

“लोग मुझसे कहते हैं कि,"अगर तुम्हें उससे प्यार है तो वो हिंसा नहीं है". मेरा साहस टूट गया और मुझे लगा कि मैं कितनी बेवकूफ़ हूँ और मेरे साथ ऐसा ही होना चाहिए. मानसिक और भावुक हिंसा के निशान दिखाई नहीं देते, तो मुझे लगा कि मैं तो ये साबित भी नहीं कर सकती."

“काश कि एक बेहतर कानूनी,  पुलिस और न्याय व्यवस्था होती."

“प्रताड़ित की बात पर यकीन करें और उनकी ज़रूरतों को परिवार की शर्म, लिहाज से परे रखें.  नहीं तो प्रताड़ित सारी शर्म और दोष अपने ऊपर लेने लगते हैं."