Common Feelings & Responses – Hindi

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अपनी भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को समझना

डिसक्लेमर: इस गाइड का मकसद पेशेवर सहायता, सलाह, या इलाज करना नहीं है. यह गाइड किसी भी रूप में उस प्रक्रिया की जगह नहीं ले सकती.

ट्रिगर की चेतावनी: ट्रिगर शब्द का मतलब है ऐसी कोई बात या घटना, जो कि सी चीज़ का नकारात्मक कारण बन सकती है. इस टूलकि ट में कुछ शब्द ऐसे हैं जो यौन हिंसा पीड़ितों के लिए दुखद हो सकते हैं यानी उनके लिए ट्रिगर का काम कर सकते हैं. इसका मतलब है उन शब्दों या वाक्यों को पढ़ने से पीड़ित या तो असहज महसूस कर सकते हैं या फिर चिंतित हो सकते हैं. ये ट्रिगर उन्हें खराब लगने वाली स्मृति यों में वापस ले जा सकते हैं. इस टूलकि ट को पढ़ते समय अगर कि सी को यह अनुभव होता है, तो एक ग्राउंडिंग एक्सरसाइज़ के ज़रिए वो तुरंत बेहतर महसूस कर सकते हैं.

अपनी आँखें बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें. अपने आप को बताएं कि आप सुरक्षित हैं और आप ठीक हैं. अपनी सांस का इस्तेमाल, मौजूदा समय के बारे में सोचने और इस समय में खुद पर ध्यान केंद्रित करने के लिए करें. ऐसा आप जितनी बार करना चाहें कर सकते हैं, या नियमित अंतराल पर करें. यह ज़रूरी नहीं आप इस टूलकि ट या गाइड को खुद पढ़ें. आप ऐसे कि सी व्यक्ति के साथ बैठकर इसमें लिखी जानकारी को समझ सकते हैं जो आपके करीब हो और आपके लिए विश्वसनीय हो.

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सामान्य भावनाएँ और प्रतिक्रियाएँ

डर
यौन शोषण की सबसे संभावित प्रतिक्रिया है डर. यौन हमले की घटना के बाद उससे उबर रहा व्यक्ति लगातार शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचने या जान गँवाने का डर महसूस कर सकता है.

 इसकी प्रतिक्रिया है: 

  • अकेला होने का डर
  • हमलावर का डर
  • अपनी सुरक्षा और संरक्षण को लेकर ज़्यादा सतर्क रहना
  • सबकुछ खत्म होने का एहसास

घटना के बाद भी पीड़ित व्यक्ति किसी खास गंध, दृश्य, आवाज़ और यौन हमले से जुड़ी यादों को लेकर- कई हफ्तों, महीनों या सालों तक डर का अनुभव कर सकता है. इन्हें हम “ट्रिग्रर्स” या कारण कहते हैं. 

मुमकिन है कि आप कुछ परिस्थितियों और चीज़ों से खुद को दूर रखकर इन “ट्रिग्रर्स” से बचने की कोशिश करें. जैसे उन लोगों, जगहों और हालात से दूर रहना जो आपको उस घटना या उसके बारे में हुई बातों की याद दिलाए. या फिर आप शराब और ड्रग्स का सहारा लेकर उस घटना से उबरने की कोशिश करें. इसे “एवॉएडेंस” या टालने की व्यवस्था के रुप में समझा जा सकता है. इसके ज़रिए व्यक्ति उन बातों और भावनाओं के खुद को दूर रखने की कोशिश करता है जो उसे दुखी या असहज बनाती हों.

नियंत्रण खोना
यौन हिंसा झेलने के बाद कुछ लोग अपने शरीर, जीवन, भावनाओं और विचारों पर काबू खोने जैसा अनुभव कर सकते हैं. मुमकिन है कि उन्हें जीवन बेहद अप्रत्याशित और ख़तरों से भरा महसूस हो.

गुस्सा 
आपके भीतर उमड़ रहा गुस्सा यौन हिंसा और यौन उत्पीड़न की घटना की सहज और सामान्य प्रतिक्रिया है. ये भावनाएं उस घटनाक्रम और माहौल पर भी आधारित हो सकती हैं जो यौन हिंसा के बाद आपके आस-पास पैदा हुआ. जैसे परिवार और मित्रों की ओर से किया गया असंवेदनशील व्यवहार, निजता और स्वतंत्रता का हनन, हालात और वक्त को न बदल पाने की छटपटाहट या घटना और हादसे को लेकर न्याय न मिलने का दुख. 

भावानाओं का आवेग या भावशून्य हो जाना
संभव है कि आप:

  •   साधारण स्थितियों में भी भावनाओं का उतार-चढ़ाव महसूस करें और असमंजस में रहें
  •   अपनी भावनाओं के प्रति अनिश्चित हों 
  •   घटना को नकारने की कोशिश करें
  •   भावनात्मक रुप से खुद को कटा हुआ महसूस करें
  •   खुद को थका हुआ और क्लांत महसूस करें

 मानसिक उथल-पुथल और खुद को मानसिक रूप से कटा हुआ पाने की स्थिति में व्यक्ति कभी-कभी ज़रूरत से ज़्यादा अशांत और चिड़चिड़ा महसूस कर सकता है. ऐसी स्थिति में हम अलग-थलग महसूस कर सकते हैं. 

चिंता
कुछ लोग गंभीर किस्म की चिंता या डर भी महसूस कर सकते हैं. इसके चलते घबराहट और परेशानी के अलावा कुछ मानसिक और शारीरिक लक्षण भी हो सकते हैं जैसे

  •   डर और आशंका की भावना
  •   बेचैनी और चिंता का एहसास
  •   हृद्यगति बढ़ना
  •   सांस लेने में तकलीफ़
  •   पसीने छूटना, कंपन और कमज़ोरी महसूस करना
  •   किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल का एहसास
  •   नींद में कमी और अनिद्रा
  •   पेट और पाचन से जुड़ी गड़बड़ियाँ
  •   ऐसी स्थितियों से दूर भागना जो चिंता को बढ़ावा दें

 ये लक्षण घटना के तुरंत बाद या आने वाले हफ्तों, महीनों और सालों तक सामने आ सकते हैं.

आत्मग्लानि और खुद को दोषी मानना
शारीरिक उत्पीड़न और यौन हिंसा का शिकार हुए व्यक्ति के मन में अक्सर यह भाव आ सकता है कि वो इसके लिए खुद ज़िम्मेदार हैं या वो कुछ ऐसा कर सकते थे जिससे ये घटना उनके साथ नहीं घटती.

सेक्स से जुड़ी चिंता
ये सामान्य और साधारण है कि व्यक्ति यौन हिंसा से गुज़रने के बाद सेक्स और सेक्स से जुड़ी गतिविधियों के प्रति अरुचि और मानसिक आघात महसूस करे. अगर आपका किसी व्यक्ति के साथ शारीरिक या सेक्स संबंध है तो अपने मन की स्थिति के बारे में बात करना और उनके साथ एक दायरा तय करना गलत नहीं. समय, अपनी मानसिक-शारीरिक स्थिति और सुविधा के मुताबिक आप इन बातों और अपने दायरे पर दोबारा विचार कर सकते हैं. ये भी हो सकता है कि आपको लगे कि आप सेक्स में कभी रुचि नहीं लेंगे या फिर ये संबंध बनाना आपके लिए मुमकिन नहीं होगा.

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